ਸਭਸੇ ਤੇਜ਼ ਮੀਡੀਆ (ਜਤਿੰਦਰ ਕੁਮਾਰ ਸ਼ਰਮਾ) ਮੁਹਾਲੀ ਫੇਸ ਇੱਕ ਮੋਟਰ ਮਾਰਕੀਟ ਵਿਖੇ ਸੰਤ ਸਮਾਜ ਅਤੇ ਅਗਾਂਹ ਵਧੂ ਬੁੱਧੀਜੀਵ ਸੰਗਤਾਂ ਦਾ ਇਕੱਠ ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਸ੍ਰੀ ਗੋਬਿੰਦ ਸਰ ਮੁਹਾਲੀ ਵਿਖੇ ਹੋਇਆ ਸੰਗਤਾਂ ਵੱਲੋਂ ਸਹਿਯੋਗ ਕਰਨ ਤੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਮਹਾ ਦਾਨੀ ਸੇਠ ਟੋਡਰ ਮੱਲ ਜੀ ਦੀ ਜੀਵਨੀ ਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਿਦਕ ਗੁਰੂ ਘਰ ਅਤੇ ਗੁਰੂ ਪਰਿਵਾਰ ਨਾਲ ਅਥਾਹ ਪਿਆਰ ਤੇ ਦਾਨ ਦੀ ਅਨੋਖੀ ਮਿਸਾਲ ਸੇਠ ਟੋਡਰ ਮੱਲ ਜੀ ਸੰਗਤਾਂ ਵੱਲੋਂ ਕਹਿਣ ਤੇ ਸੰਤ ਸਮਾਜ ਦੇ ਸਹਿਯੋਗ ਨਾਲ ਇੱਕ ਪੰਜਾਬੀ ਫ਼ਿਲਮ ਸੇਠ ਟੋਡਰ ਮੱਲ ਜੀ ਦੀ ਜੀਵਨੀ ਆਧਾਰਿਤ ਬਹੁਤ ਜਲਦੀ ਸ਼ੁਰੁਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ਇਸ ਮੌਕੇ ਸੰਤ ਸਮਾਜ ਅਤੇ ਸੰਤ ਬਾਬਾ
ਅਵਤਾਰ ਸਿੰਘ ਧੂਲਕੋਟ ਵਾਲਿਆਂ ਨੇ ਸੰਗਤਾਂ ਨੂੰ ਬੇਨਤੀ ਕੀਤੀ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਸਬੰਧੀ ਜੇਕਰ ਪੂਰੇ ਸੰਸਾਰ ਦੀਆਂ ਸੰਗਤਾਂ ਪਾਸ ਕਿਸੇ ਪਾਸ ਵੀ ਕੋਈ ਲਿਟਰੇਚਰ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਜਾਂ ਕੋਈ ਜਾਣਕਾਰੀ ਹੋਵੇ ਉਹ ਸੰਤਾਂ ਨਾਲ ਸੰਪਰਕ ਕਰੇ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਕਾਰਜ ਸੁਚੱਜੇ ਢੰਗ ਨਾਲ ਨੇਪਰੇ ਚੜ੍ਹ ਸਕੇ ਇਸ ਸਬੰਧੀ ਸੰਤ ਬਾਬਾ ਅਵਤਾਰ ਸਿੰਘ ਜੀ ਧੂਲਕੋਟ ਵਾਲਿਆਂ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸੰਪਰਕ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਪਾਸ ਖ਼ੁਦ ਪਹੁੰਚ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਗੀ ਅਤੇ ਮਾਣ ਸਨਮਾਨ ਵੀ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇਗਾ ਜਾਂ ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਸ੍ਰੀ ਗੋਬਿੰਦਸਰ ਮੋਟਰ ਮਾਰਕੀਟ ਫੇਸ 1 (ਇੱਕ ) ਐਸ.ਏ.ਐਸ ਨਗਰ( ਮੁਹਾਲੀ ) ਨਾਲ ਵੀ ਸੰਪਰਕ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਇਸ ਮਹਾਨ ਕਾਰਜ ਵਿਚ
ਸੰਗਤਾਂ ਵੱਧ ਚਡ਼੍ਹ ਕੇ ਸਹਿਯੋਗ ਦੇਣ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਕਾਰਜ ਜਲਦ ਸੰਪੂਰਨ ਹੋ ਸਕੇ ਇਸ ਮੌਕੇ ਸੰਤ ਬਾਬਾ ਅਵਤਾਰ ਸਿੰਘ ਜੀ ਧੂੜਕੋਟ ਵਾਲਿਆਂ ਵੱਲੋਂ ਆਈਆਂ ਸੰਗਤਾਂ ਮਹਾਪੁਰਸ਼ਾਂ ਸੰਤ ਸਮਾਜ ਅਤੇ ਹੋਰ ਬੁੱਧੀਜੀਵੀਆਂ ਨੂੰ ਇਸ ਮੌਕੇ ਇਕੱਤਰ ਹੋਣ ਤੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਅੱਜ ਸਮਾਜ ਵਿੱਚ ਨਸ਼ੇ ਅਤੇ ਹੋਰ ਕੁਰੀਤੀਆਂ ਕਾਰਨ ਸਮਾਜ ਅਤੇ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਪੀਡ਼੍ਹੀਆਂ ਆਪਣੇ ਅਮੀਰ ਵਿਰਸੇ ਨੂੰ ਭੁੱਲਦੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ ਅੱਜ ਦੇ ਯੁੱਗ ਵਿੱਚ ਇਲੈਕਟ੍ਰਾਨਿਕ ਸਾਧਨਾਂ ਅਤੇ ਸੋਸ਼ਲ ਮੀਡੀਆ ਫੋਟੋਗ੍ਰਾਫੀ ਅਤੇ ਫ਼ਿਲਮਾਂ ਨੇ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਮੁਕਾਮ ਹਾਸਿਲ ਕੀਤਾ ਹੈ ਅਤੇ ਲਗਪਗ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀ ਦੁਨੀਆਂ ਇਸ ਨਾਲ ਜੁੜੀ ਹੋਈ ਹੈ
ਇਸ ਲਈ ਸੇਠ ਟੋਡਰ ਮੱਲ ਜੀ ਵੱਲੋਂ ਗੁਰੂ ਘਰ ਅਤੇ ਗੁਰੂ ਪਰਿਵਾਰ ਨਾਲ ਕੀਤੀਆਂ ਕੁਰਬਾਨੀਆਂ ਨੂੰ ਸੰਗਤਾਂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਦਾ ਉਪਰਾਲਾ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ਇਸ ਮੌਕੇ ਆਈਆਂ ਸੰਗਤਾਂ ਮਹਾਪੁਰਸ਼ਾਂ ਸੰਤ ਸਮਾਜ ਅਤੇ ਬੁੱਧੀਜੀਵੀਆਂ ਨੂੰ ਸੰਤ ਅਵਤਾਰ ਸਿੰਘ ਜੀ ਵੱਲੋਂ ਜੀ ਆਇਆਂ ਕਿਹਾ ਅਤੇ ਇਸ ਮੌਕੇ ਕੜਾਹ ਪ੍ਰਸ਼ਾਦ ਦੀ ਦੇਗ ਵਰਤਾਈ ਗਈ ਜਲ ਛਕਾਇਆ ਗਿਆ ਅਤੇ ਲੰਗਰ ਦੀ ਸੇਵਾ ਵੀ ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਸਾਹਿਬ ਪ੍ਰਬੰਧਕਾਂ ਵੱਲੋਂ ਬੜੇ ਸੁਚੱਜੇ ਢੰਗ
ਨਾਲ ਨਿਭਾਈ ਗਈ ਅਤੇ ਬੇਨਤੀ ਕੀਤੀ ਗਈ ਕਿ ਇਸ ਸੰਬੰਧ ਵਿਚ ਸੰਸਾਰ ਭਰ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਵੀ ਵਿਅਕਤੀ ਕਿਸੇ ਵੀ ਵੇਲੇ ਸੰਪਰਕ ਕਰ ਸਕਦਾ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਸੰਪਰਕ ਕਰਨ ਲਈ ਪਤਾ ਸੰਤ ਅਵਤਾਰ ਸਿੰਘ ਜੀ (ਧੂਲਕੋਟ ਵਾਲੇ)
रेलवे की जमीन पर कब्जा कर के बन रहा माल
👉🏿रेलवे की जमीन पर कब्जा कर के बन रहा माल
👉🏿 स्टेट गॉरमिंट की जमीन पर भी कर गए कब्जा
👉🏿 आधा हिस्सा पास बाकी पर लाखो की सेटिंग कर गया पुडा अधिकारी
Sab SeTez media (Jatinder kumar Sharma ) 8 July जालंधर फगवाड़ा हाईवे रोड पर हवेली के समीप खजूरला गांव जिला कपूरथला के पास रॉयल किंग पैलेस के साथ जो प्रोजेक्ट शुरू हुआ है उसमें इस इलाके के पुडा अधिकारी द्वारा धांधली की गई सामने आई है पता चला है कि यह प्रोजेक्ट को एक से डेढ़ एकड़ तक पास किया गया है जबकि यह पूरा प्रोजेक्ट 5 एकड़ के लगभग में तैयार हो रहा है। सबसे बड़ी बात है यह प्रोजेक्ट के पीछे रेलवे की लाइने निकलती है इस प्रोजेक्ट वालों ने रेलवे की जमीन को भी हड़प लिया है हमारे द्वारा जब रेलवे के उच्च अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने साफ लफ्जो में कहा कि रेलवे ट्रैक से 100 मीटर की दूरी तक रेलवे की प्रॉपर्टी है इस पर अगर कोई भी नया काम शुरू करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी परंतु जब हमने यहां बन रहे नए प्रोजेक्ट का दौरा किया तो आगे से 1 से 2 एकड़ के बीच पिल्लर खड़े किए जा रहे हैं और पीछे एक एकड़ में भी सेम नक्शे से पिल्लर को खड़ा किया जा रहा है और उसके पीछे लगभग 3 एकड़ में 10 फुट की माइनिंग की जा चुकी है और वहां से रेता निकालकर वहीं पर लगाई जा रही है आसपास वालों का यह कहना है कि माइनिंग आने वाले दिनों में बंद हो जानी है जिस कारण यहां से दिन-रात माइनिंग की गाड़ियां निकलती देखी जा रही थी।
रेलवे लाइनों के साथ जो स्टेट गवर्नमेंट के छप्पर थे इस प्रोजेक्ट में ले लिए गए हैं उन पर पूरी तरह इन्होंने कब्जा कर लिया है सूत्र बताते हैं इसमें पदाधिकारियों ने सांठगांठ करके सेंट्रल गवर्नमेंट की जमीन पर कब्जा करवाया है और यहां से जिस प्रकार माइनिंग हो रही है अगर रेल ट्रैक पूरी तरह से तहस नहस हो सकता है जिस से कई आम लोगो की जान जा सकती है । यहां पर रेलवे द्वारा जो अपने पिल्लर लगाए गए थे इन से भी छेड़छाड़ की गई है यह भी सामने नजर आ रहा है इन्होंने बीच में से पिलरों को उखाड़ कर रेलवे ट्रैक के साथ लगा दिए गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि यहां पर एक डमरु एसोसिएशन द्वारा पुडा के अधिकारियों के साथ मिलकर सेटिंग की गई है जिन्होंने दावा किया है इसकी खबर कहीं भी प्रकाशित नहीं होगी और ना ही इसकी शिकायत होगी यह पुडा का अधिकारी वही है जिसकी इन दिनों विजिलेंस जांच चल रही है करप्शन के मामले में और इसके द्वारा होशियारपुर के बाद अब कपूरथला में भ्रष्टाचार का जाल बिछाया जा चुका है जिसमें इस के उच्च अधिकारी भी इस के रंग में रंगते हुए नजर आ रहे हैं अगर इस प्रोजेक्ट की विजिलेंस जांच कराई जाए तो कहीं घोटाले सामने आ सकते हैं।
देखिए कैसे रियान अवेन्यू रसूलपुर पास नकोदर पुड्डा अपरुड के सरेआम बोर्ड लगाकर की जा रही है धोखाधड़ी
एफ.आई.आर जैसे सख्त विकल्प होने के बावजूद पुड्डा विभाग की ओर से खेला जा रहा है नोटिस नोटिस का खेल बार-बार नोटिस जारी किया जाता है और कोलोनी को तोड़ा जाता है लेकिन बेखौफ कॉलोनाइजर पुड्डा अपरूड के बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर लोगों से कर रहे हैं धोखाधड़ी में भी काटी गई कॉलोनीए क्यों नहीं करते कॉलोनी मालिक विभाग की प्रवाह ?
सबसे तेज मीडिया (जितेंद्र कुमार शर्मा )28 जून जालंधर डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से कई विभाग जैसे पंजाब सरकार का विजिलेंस ब्यूरो द्वारा इंक्वायरी होने के बावजूद भी अवैध रूप में बन रही इमारतों का निर्माण किया जा रहा हैं जिस के चलते सरकार को डबल नुकसान हो रहा है सी.एल.यु और नक्शा और जो इमारतें बनती है उसमें सरकार को रेवेन्यू फीस पूरी नहीं मिलती और अवैध तरीके से कॉलोनी काट कर और अपनी जमीन बेचकर कॉलोनाइजर चले जाते हैं और आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ताजा मिसाल जालंधर डिपार्मेंट अथॉरिटी के अधीन आते जिला जालंधर तहसील नकोदर में गांव बोपाराय गांव रसूलपुर और गांव चक बैंडल और आधा दर्जन के करीब मैं काटी जा रही अवैध कॉलोनियों और जिसकी शिकायत विभाग को कई बार मिल चुकी है और विभाग के अधिकारियों का कहना है
कि इनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के लिए एस.एस.पी होशियारपुर को लेटर लिखा जा चुका है नकोदर के पास गांव रसूलपुर में अरे रेहान अभीन्यू के नाम की कॉलोनी के बाहर दफ्तर बनाकर सरेआम प्लाट फॉर सेल कर रहे हैं जब के विभाग की ओर से बार-बार कॉलोनी को तोड़ा गया है और कॉलोनी के बाहर नोटिस बोर्ड भी लगाए गए थे नोटिस बोर्ड को उखाड़ कर खुर्द (खत्म) करने और विभाग की ओर से नोटिस जारी किए जाने के बाद भी अगर कोई कॉलोनाइजर उसकी उल्लंघना करता है तो उसके खिलाफ पापरा एक्ट और अन्य धाराओं के तहत थाने में क्रिमिनल केस दर्ज होता है
लेकिन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से केवल और केवल नोटिस लगाने अवैध निर्माण को तोड़ने और कागजी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ केवल और केवल नोटिस नोटिस का ही खेल खेला जाता है और केस को उलझाने के इलावा कोई कार्रवाई नहीं होती जिसके चलते आम गरीब जनता अनजाने में अपनी जिंदगी भर की मेहनत की कमाई अवैध कॉलोनियों में लगाकर परेशानियों में गिर जाती है विभाग के अधिकारी मोटी तनख्वाह सरकार से लेते हैं और काम अवैध निर्माण और कॉलोनी मालको के लिए करते हैं अगर सरकार की पॉलिसी मुताबिक हर एक अधिकारी अपना काम इमानदारी से करें तो कोई भी अवैध कॉलोनी का निर्माण नहीं हो सकता और ना ही किसी भी कॉलोनाइजर की इतनी हिम्मत हो सकती है कि दोबारा अवैध कलोनी के निर्माण का काम शुरू कर सकें यह सब विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से आसान होता है सरकार के रेगुलेशन पॉलिसी के तहत विभाग के पॉलसी मुताबिक हर हफ्ते जे.ई अपने फील्ड की रिपोर्ट एस.डी.ओ साहब को सौंपेगा और एस.डी.ओ अपनी वीकली रिपोर्ट स्टेट ऑफिसर को देंगे और जिस एरिया में भी अवैध कालोनियां बनाई जा रही है या जिस जगह कमर्शियल निर्माण हो रहा है अधिकारियों को उसे रोकना और सरकार के नियमों की पालना करवाना जिम्मेवारी फिक्स की गई है लेकिन पिछले कई सालों से अवैध कॉलोनियों और अवैध निर्माण का गोरखधंधा जोरों से चल रहा है कई बार बड़ी-बड़ी इंक्वायरियां भी हो चुकी है और कार्रवाई के नाम पर जे.सी.बी मशीनें भी चल चुकी है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई ना होने की वजह से अवैध कॉलोनियों और अवैध निर्माण का कारोबार जोरों से चल रहा है जिस के संबंध में सबसे तेज मीडिया की टीम की ओर से आवाज उठाई गई थी जिस पर कारवाई करते हुए जालंधर डिवालपमेंट अथॉरिटी पुड्डा कई बार अवैध कॉलोनी में और अवैध निर्माण को नोटिस जारी किए गए और कई बार उसको डिमोलिश कर दिया गया लेकिन यह काम कभी रुका नहीं जो कि एक बड़ा सवाल है? अब देखना यह होगा की आगे क्या कार्रवाई होती है? मीडिया ग्रुप सबसे तेज मीडिया की विशेष रिपोर्ट चलता (भाग 12)
लैबोरेटरी टेक्नीशियन की कलम छोड़ो हड़ताल 28 ,29 ,और 30 जून को ,सिवल सर्जन और डी सी को मांग पत्र दिया जाएगा।
लैबोरेटरी टेक्नीशियन की कलम छोड़ो हड़ताल 28 ,29 ,और 30 जून को ,सिवल सर्जन और डी सी को मांग पत्र दिया जाएगा ।
सबसे तेज मीडिया 27 जून श्री अमृतसर साहेब(जंडियाला गुरु: विक्रमजीत सिंह /मनजीत)
मेडिकल टेक्नीशियन एसोसिएशन की अहम मीटिंग कम्युनिटी हैल्थ सेंटर मानांवाला में की गई। इसमें पंजाब सरकार द्वारा लागू किए गए छठे पे कमीशन की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए इस रिपोर्ट को सरकारी कर्मियों के साथ धोखा करार दिया।
इस मौके पर जिला प्रधान कश्मीर सिंह कंग ने बताया कि मेडिकल भत्ता ,मोबाइल भत्ते में बढ़ोतरी ना करना ,और इमरजेंसी ड्यूटी करने के बदले मुफ्त रिहायशी भत्ता बंद करना कर्मियों के साथ ना इंसाफी है। मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नीशियन ने कोविड महांमारी के दौरान सबसे आगे होकर काम किया ,मुख्यमंत्री पंजाब द्वारा इसकी प्रशंसा भी की ।गत समय में जत्थेबंदी द्वारा मीटिंगे की गई और मांग पत्र भी दिए गए लेकिन कोई असर नही हुआ। इसके चलते स्टेट बॉडी ने संघर्ष का रास्ता अख्तियार किया। इसमें 28,29,30 जून को लैबोरेटरी का काम सुबह 9 बजे से 11 बजे तक बन्द रखा जाएगा औऱ रोष प्रदर्शन भी किया जाएगा। सिवल सर्जन और डी सी को मांग पत्र दिए जाएंगे ।सरकार द्वारा मांगे ना मानने की सूरत में लंबे समय की हड़ताल की जाएगी। इस मीटिंग में रजिंदर सिंह महासचिव ,हरजीत सिंह ढिल्लों कैशियर ,सुखविंदर सिंह रंधावा ,प्रेस सचिव नवदीप सिंह ,हरजिंदर सिंह ,दिलबाग सिंह ,बलदेव सिंह झंडेर ,हरदेव सिंह रक्खे, सतविंदर सिंह तरसिक्का ,राजेश शर्मा सिवल हस्पताल ,लखविन्द्र सिंह सोही ,हरजीत सिंह ,रजिंदर थ्रिएवाल ,जगरूप वेरका ,औऱ कंवलजीत सिंह हाज़िर थे ।
मकसूदा नई सब्जी मंडी की पार्किग के 2021-22 का ठेका अमृतसर की गुडलक कंपनी ने किया हासिल
मकसूदा नई सब्जी मंडी की पार्किग के 2021-22 का ठेका अमृतसर की गुडलक कंपनी ने किया हासिल
* 3 करोड़ 51 लाख में हुआ वार्षिक टैंडर
* पंजाब मंडी बोर्ड ने पार्किग रेट भी किए कम
जालंधर(STM)3 अप्रैल=जितेंद्र कुमार शर्मा): पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा जारी मकसूदा स्थित नई सब्जी मंडी की पार्किग के 2021-22 ठेके पर इस दफा अमृतसर की गुडलक कपंनी ने सबसे अधिक राशि 3 करोड़ 51 लाख भर कर ठेका हासिल किया। वर्णनीय है कि गत वर्ष 11 महीने का ठेका 2 करोड़ 52 लाख में रविंदर पब्बी ने हासिल किया था। इस दफा ठेका 1 अप्रैल 2021 से 31मार्च 2022 तक 12 महीने का दिया गया है जिसकी रिजर्व प्राईज 2 करोड़ 77 लाख रखी गई थी जिस हेतु दो ठेकेदारों ने टैंडर भरे जिसमें दूसरे नबंर पर गुरजीत कंसट्रक्शन कपंनी ने 2 करोड़ 88 लाख का टैंडर भरा था। टैंडर प्रक्रिया अनुसार विभाग नियम व शर्ते पूर्ण करते हुए 5 लाख स्कियोरिटी अदा कर टैंडर में भाग लिया जा सकता है।व टैंडर ओपन होने के दो दिन तक 98 लाख की बैंक गारंटी व एक अडवांस किश्त जमा करवाने के बाद ठेका हासिल किया जा सकता है।ठेका हुए दो दिन बीत जाने व बैंक गारंटी अभी न पहुंचने के कारण ठेका अभी तक पुराने ठेकेदार पास है। वहीं विभागी सूत्रों अनुसार नये ठेकेदार ने सोमवार तक बैंक गारंटी देने का आश्वासन दिया है।
मौके पर बैठे ठेकेदार रविंदर पब्बी ने बताया कि ठेके की राशि इतनी ज्यादा है उन्होने गत ठेके में बहुत नुक्सान खाने के कारण इस दफा टैंडर नहीं भरा। जब तक नई कपंनी ठेके की शर्ते पूर्ण नहीं करती तब तक विभाग ने उनको परमिशन दी है व वह पुराने नियमों अनुसार निर्धारित रेट ले रहे है नये रेट नये ठेकेदार के आने पर शुरू होंगे।
सूत्रो से प्राप्त जानकारी अनुसार विभाग द्वारा मकसूदा स्थित नई सब्जी मंडी के जिला मंडी कार्यालय में पार्किग टैंडर की प्रक्रिया की जानकारी मीडिया तक को न दी गई व अमृतसरी कपंनी द्वारा ठेका लिए जाने की जानकारी मंडी में फैलते ही मंडी आड़तीयों में भी रोष पाया जा रहा है।
फरूट मंडी आड़ती ऐसोसिएशन व किसान नेता इंद्रजीत नागरा ने बताया कि पंजाब मंडी बोर्ड हर वर्ष ठेके में करोड़ की राशि बढ़ा कर खुद तो कमाई कर जाता है लेकिन पार्किग ठेके की राशि पूरी करने के लिए ठेकेदार द्वारा मंडी में आने जाने वाले वाहनों से धक्केशाही करते हुए विभाग द्वारा निर्धारित रेटो से डबल वसूली की जाती है।जिला मंडी अफसर व मार्किट कमेटी को लिखित शिकायते देने के वावजूद विभाग मंडी के गेटों पर अवैध वसूली बंद नहीं करबाता।उन्होने कहा कि सूत्रों से यह भी पता चला है कि शिकायत को डस्टविन में फैकंने व कार्रवाई न करने के लिए ठेकेदार द्वारा ठेके की राशि के इलावा भी विभाग की हर माह सेवा करनी पड़ती है।
ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए विभाग ने ठेके की पर्ची का समय 24 घंटे की जगह 12 घंटे तक कर दिया।उन्होने कहा कि वह पार्किग ठेकेदार को विभाग द्वारा निर्धारित रेटों के ऊपर एक भी पैसा नही वसूलने देंगे। गोरतलब है कि प्रति वर्ष जब पार्किंग ठेका होता है तो फिर आड़ती नेताओं सहित सभी नेता सक्रिये हो जाते है व रोष जताते है लेकिन फिर साठगांठ के चलते शांत हो जाते है जिसकी पूर्ण जानकारी होने के कारण ठेकेदार भी किसी मंडी नेता की परवाह नहीं करता।
विभाग द्वारा निर्धारित पार्किंग के नये रेट
तीन पहिया वाहन 15 रूपये,कार,जीप,आटो 25 रूपये,गडडा,रेहड़ा 20 रूपये,टैंपू सभी किस्मों के 50 रूपये,ट्रैक्टर ट्राली कमर्शियल 50 रूपये,ट्रक 6 टायरी 75 रूपये,ट्रक 10 टायरी 100 रूपये,ट्रक 12 टायरी 125 रूपये,ट्राला 150 रूपये। रेट सूची अनुसार इस दफा टू व्हीलर को इस सूची से बाहर किया गया है व ठेकेदार टू व्हीलर से कोई वसूली नहीं कर सकेगा। आमतौर पर पार्किंग फीस उनसे ली जाती है जो वाहन को पार्किंग में खड़ा करते हो लेकिन मकसूदां मंडी में पार्किंग जगह न होने के वावजूद एंट्री गेटों पर ही पार्किग पर्ची काट दी जाती है व ठेकेदार के कारिंदे गेटों पर ही डटे रहते है।
ਪ੍ਰਤਾਪਪੁਰਾ ਬਣੀ ਨਵੀਂ ਸਬਜ਼ੀ ਮੰਡੀ ਦੇ ਸ਼ੈੱਡ ਹੇਠਾਂ ਅਲਾਟ ਕੀਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਫੜ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਮਾਰਕੀਟ ਕਮੇਟੀ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਦੀ ਮਨ ਮਰਜ਼ੀ ਅਤੇ ਮਿਲੀਭੁਗਤ ਖੁੱਲ੍ਹ ਕੇ ਸਾਹਮਣੇ ਆਈ ?
ਪ੍ਰਤਾਪਪੁਰਾ ਬਣੀ ਨਵੀਂ ਸਬਜ਼ੀ ਮੰਡੀ ਦੇ ਸ਼ੈੱਡ ਹੇਠਾਂ ਅਲਾਟ ਕੀਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਫੜ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਮਾਰਕੀਟ ਕਮੇਟੀ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਦੀ ਮਨ ਮਰਜ਼ੀ ਅਤੇ ਮਿਲੀਭੁਗਤ ਖੁੱਲ੍ਹ ਕੇ ਸਾਹਮਣੇ ਆਈ ਕੋਈ ਪਾਰਦਰਸ਼ਤਾ ਨਹੀਂ ਵਰਤੀ ਗਈ ਸਿਰਫ਼ ਆਪਣੇ ਚਹੇਤਿਆਂ ਨੂੰ ਖੁਸ਼ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਨੂੰਨ ਨੂੰ ਛਿੱਕੇ ਟੰਗ ਕੇ ਕੀਤੀ ਗਈ ਲਿਸਟ ਤਿਆਰ ਲਿਸਟ ਵਿੱਚ ਵੀ ਕੋਈ ਦਫ਼ਤਰੀ ਪੱਤਰ ਨੰਬਰ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਸਮਰੱਥ ਅਧਿਕਾਰੀ ਸਕੱਤਰ ਮਾਰਕੀਟ ਕਮੇਟੀ( ਛਾਉਣੀ)ਦੇ ਨਹੀਂ ਹੈ ਕੋਈ ਮੋਹਰ ਜਾਂ ਦਸਤਖ਼ ਸਭਸੇ ਤੇਜ਼ ਮੀਡੀਆ (ਜਤਿੰਦਰ ਕੁਮਾਰ ਸ਼ਰਮਾ)1 ਜਨਵਰੀ ਜਲੰਧਰ ਲਾਕਡਾਊਨ ਦੌਰਾਨ ਹੋਂਦ ਵਿਚ ਆਈ ਨਵੀਂ ਸਬਜ਼ੀ ਮੰਡੀ ਵਿੱਚ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀਆਂ ਉਡਾਈਆਂ ਜਾ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ਸ਼ਰ੍ਹੇਆਮ ਧੱਜੀਆਂ ਅਤੇ ਆਮ ਜਨਤਾ ਦੀ ਲੁੱਟ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ਆੜ੍ਹਤੀਆਂ ਨੂੰ ਗੁੰਮਰਾਹ ਕਰ ਕੇ ੳੁਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਵਸੂਲੇ ਜਾ ਰਹੇ ਪੈਸਿਆਂ ਸਬੰਧੀ ਲਗਾਤਾਰ ਸ਼ਿਕਾਇਤਾਂ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਉੱਚ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਅਤੇ ਵਿਜੀਲੈਂਸ ਨੂੰ ਪਹੁੰਚਣੀਆਂ ਹੋੲੀਅਾਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਚੁੱਕੀਆਂ ਹਨ ਲਾਕ ਡਾਊਨ ਦੌਰਾਨ ਹੋਂਦ ਵਿਚ ਆਈ ਨਵੀਂ ਸਬਜ਼ੀ ਮੰਡੀ ਨਕੋਦਰ ਰੋਡ ਪ੍ਰਤਾਪਪੁਰਾ ਵਿਖੇ ਜੋ ਵਪਾਰੀ ਆਪਣੇ ਵਪਾਰ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਔਖੇ ਸਮੇਂ ਕੋਰੋਨਾ ਮਹਾਂਮਾਰੀ ਦੌਰਾਨ ਆਪਣੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਨੂੰ ਰਿਸਕ ਵਿੱਚ ਪਾ ਕੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਸੇਵਾ ਕਰਦੇ ਰਹੇ ਹਨ ਅੱਜ ਉਨ੍ਹਾਂ ੳੁਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨਾ ਪੈ ਰਿਹਾ ਹੈ ਪਿਛਲੇ ਛੇ ਮਹੀਨੇ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਮਾਂ ਨਿਕਲ ਜਾਣ ਤੇ ਵੀ ਅੱਜ ਤਕ ਪਬਲਿਕ ਅਤੇ ਆਡ਼੍ਹਤੀਆਂ ਲਈ ਸਿਰਫ਼ ਇਕ ਹੀ ਪੁਰਾਣਾ ਟੁਆਇਲਟ ਬਾਥਰੂਮ ਹੈ ਜਿਸ ਪਰ ਆਮ ਆਦਮੀ ਦਾ ਜਾਣਾ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੀ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਬਹੁਤ ਮੁਸ਼ਕਲ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਉੱਥੇ ਕੋਈ ਵੀ ਸਫਾਈ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨਾ ਹੋਣ ਕਰ ਕੇ ਟਾਇਲਟ ਬਾਥਰੂਮ ਜਾਣਾ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਸੱਦਾ ਦੇਣ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੈ ਜ਼ਿਕਰਯੋਗ ਹੈ ਕਿ ਕਰੋੜਾਂ ਰੁਪਏ ਦੀ ਲਾਗਤ ਨਾਲ ਬਣੀ ਇਸ ਮੰਡੀ ਦਾ ਉਦਘਾਟਨ ਤਾਂ ਤਿੰਨ ਵਾਰ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਪਰ ਅੱਜ ਤਕ ਆਡ਼੍ਹਤੀਆਂ ਦੇ ਬੈਠਣ ਜਾਂ ਬੋਲੀ ਕਰਵਾਉਣ ਲਈ ਸ਼ੈੱਡ ਤਿਆਰ ਨਹੀਂ ਹੋ ਪਾਇਆ ਸੀ ਹੁਣ ਜਦੋਂ ਸ਼ੈੱਡ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾ ਚੁੱਕਾ ਹੈ ਅਤੇ ਆਡ਼੍ਹਤੀਆਂ ਨੂੰ ਸ਼ੈੱਡ ਹੇਠਾਂ ਜਗ੍ਹਾ ਨਿਸ਼ਾਨਦੇਹੀ ਕਰ ਕੇ ਫੜ ਅਲਾਟ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ ਉਸ ਵਿੱਚ ਵੀ ਕੋਈ ਪਾਰਦਰਸ਼ਤਾ ਨਹੀਂ ਅਪਣਾਈ ਗਈ ਕੇਵਲ ਤੇ ਕੇਵਲ ਆਪਣੇ ਚਹੇਤਿਆਂ ਨੂੰ ਖੁਸ਼ ਕਰਨ ਲਈ ਆੜ੍ਹਤ ਦੇ ਕੰਮ ਲਈ ਬਣਾਈਆਂ ਗਈਆਂ ਫੜਾ ਦੀ ਅਲਾਟਮੈਂਟ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ ਉਸ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵੀ ਪਾਰਦਰਸ਼ਤਾ ਨਹੀਂ ਅਪਨਾਈ ਗਈ ਜਿਹੜੇ ਵਿਅਕਤੀ ਪਿਛਲੇ ਸੱਤ ਮਹੀਨੇ ਤੋਂ ਹਜ਼ਾਰਾਂ ਰੁਪਏ ਦਾ ਟੈਕਸ ਦੇ ਕੇ ਮੰਡੀ ਵਿੱਚ ਬਿਨਾਂ ਨਾਗਾ ਕੰਮ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਫੜ ਅਲਾਟ ਹੀ ਨਹੀਂ ਕੀਤੇ ਗਏ ਅਤੇ ਦੂਸਰੇ ਪਾਸੇ ਆਪਣੇ ਚਹੇਤਿਆਂ ਨੂੰ ਖੁਸ਼ ਕਰਨ ਲਈ ਸ਼ਰ੍ਹੇਆਮ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਉਲੰਘਣਾ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ ਮੰਡੀ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕੋਈ ਸੁਵਿਧਾ ਨਹੀਂ ਹੈ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਜਨ ਸੁਵਿਧਾਵਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ ਛੇ ਮਹੀਨੇ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਮਾਂ ਬੀਤ ਜਾਣ ਤੇ ਵੀ ਤੇ ਕੋਈ ਵੀ ਬਾਥਰੂਮ ਜਾਂ ਟਾਇਲਟ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਵੀ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਿਆ ਮਾਰਕੀਟ ਕਮੇਟੀ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਦੇ ਬਿਨਾਂ ਹੋਮ ਵਰਕ ਕੀਤੀਆਂ ਖੁਲ੍ਹਵਾਈ ਗਈ ਇਹ ਮੰਡੀ ਅੱਜ ਫੇਲ੍ਹ ਹੋਣ ਦੇ ਕਿਨਾਰੇ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਜਦ ਮੰਡੀ ਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਆਈ ਸੀ ਤਾਂ ਲਗਪਗ ਸੌ ਦੇ ਕਰੀਬ ਫੜ੍ਹੀ ਵਾਲੇ ਅਤੇ ਹੋਰ ਪ੍ਰਚੂਨ ਸਬਜ਼ੀ ਵਿਕਰੇਤਾ ਇਸ ਮੰਡੀ ਆਉਣੇ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਏ ਸਨ ਅਤੇ ਕਰੀਬ( ਪੰਜ ਸੌ )500 ਆੜ੍ਹਤ ਦਾ ਲਾਇਸੈਂਸ ਜਾਰੀ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਸੀ ਪਰ ਇੱਥੇ ਸਿੱਧਾ ਕਿਸਾਨ ਵੱਲੋਂ ਮਾਲ ਨਾ ਲਿਆਉਣ ਕਾਰਨ ਆਡ਼੍ਹਤੀਆਂ ਨੂੰ ਦੋ ਦੋ ਵਾਰ ਮਾਰਕੀਟ ਫੀਸ ਅਤੇ ਰੂਰਲ ਡਿਵੈਲਪਮੈਂਟ ਫੀਸ ਅਦਾ ਕਰਨੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਰਾਏ ਵੀ ਲਗਾਉਣੇ ਪੈਂਦੇ ਹਨ ਉਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਪਾਸ ਬਚੀ ਸਬਜ਼ੀ ਨੂੰ ਰੱਖਣ ਲਈ ਅਤੇ ਮੀਂਹ ਅਤੇ ਗਰਮੀ ਸਰਦੀ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਕੋਈ ਵੀ ਪੁਖਤਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਨੂੰ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਅਤੇ ਪ੍ਰਚੂਨ ਤੌਰ ਤੇ ਵੇਚਣਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਮਜਬੂਰੀ ਬਣਦੀ ਗਈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਛੋਟੇ ਦੁਕਾਨਦਾਰ ਫੜ੍ਹੀ ਵਾਲੇ ਆਪਣੇ ਕੰਮ ਤੋਂ ਕਿਨਾਰਾ ਕਰ ਗਏ ਤੇ ਹੁਣ ਲਗਪਗ ਫੜੀ ਵਾਲੇ ਨਾਂਹ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹਨ ਜੋ ਆਡ਼੍ਹਤੀ ਵੀ ਹਨ ਉਹ ਵੀ ਕਰੀਬ ਪੰਜਾਹ ਤੋਂ ਸੱਠ ਹੀ ਰਹਿ ਗਏ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਮਾਰਕੀਟ ਕਮੇਟੀ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਰਿਉੜੀਆਂ ਵਾਂਗ ਵੰਡੇ ਵਾਂਗ ਵੰਡੇ ਆਡ਼੍ਹਤ ਦੇ ਲਾਈਸੰਸ ਜੋ ਕਰੀਬ (ਪੰਜ ਸੌ ) 500 ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਤਰੀਕਾਂ ਖ਼ਤਮ ਹੋਣੀਆਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਗਈਆਂ ਇੱਥੇ ਇਹ ਵੀ ਦੱਸਣਾ ਬਣਦਾ ਹੈ ਕਿ ਮਾਰਕੀਟ ਕਮੇਟੀ ਜਲੰਧਰ ਕੈਂਟ ਵੱਲੋਂ ਆਡ਼੍ਹਤੀਆਂ ਪਾਸੋਂ ਫੀਸ ਤਾਂ ਸਾਲ ਦੀ ਲਈ ਗਈ ਪਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਨਿਯਮ 17(7) ਸੈਕਸ਼ਨ 10 ਤਹਿਤ ਵਪਾਰੀ ਪੱਕੇ ਆਡ਼੍ਹਤੀ ਲਾਇਸੈਂਸ ਜਾਰੀ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਪਰ ਨਿਯਮਾਂ ਮੁਤਾਬਕ ਇਹ ਫੀਸ ਇਕ ਸਾਲ ਦੀ(1000) ਰੁਪਏ ਇੱਕ ਹਜ਼ਾਰ ਰਕਮ ਬਣਦੀ ਹੈਪਰ ਮਾਰਕੀਟ ਕਮੇਟੀ ਵੱਲੋਂ ਇਹ ਲਾਇਸੈਂਸ ਛੇ ਮਹੀਨੇ ਲਈ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਗਏ ਜੋ ਸਿੱਧੀ ਸਿੱਧੀ ਆੜ੍ਹਤੀਆਂ ਨਾਲ ਧੋਖਾਧੜੀ ਹੈ ਅਤੇ ਹੁਣ ਜਦੋਂ ਛੇ ਮਹੀਨੇ ਬਾਅਦ ਲਸੰਸ ਦੀਅਾਂ ਤਰੀਕਾਂ ਖ਼ਤਮ ਹੋ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਵੀ ਆਡ਼੍ਹਤੀ ਲਾਈਸੰਸ ਨਿਊ ਕਰਵਾਉਣਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹੈ ਉਸ ਲਈ ਇੰਨੀਆਂ ਕੁ ਸਖ਼ਤ ਸ਼ਰਤਾਂ ਰੱਖੀਆਂ ਗਈਆਂ ਹਨ ਕਿ ਇਕ ਆਮ ਆੜ੍ਹਤੀ ਵੱਲੋਂ ਉਹ ਸ਼ਰਤਾਂ ਪੂਰੀਆਂ ਕਰਨੀਆਂ ਸੰਭਵ ਹੀ ਨਹੀਂ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਵਿਚ ਜੋ ਆਨਲਾਈਨ ਫਾਰਮ ਭਰਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਹੈ ਉਹ ਇੰਨੀ ਗੁੰਝਲਦਾਰ ਹੈ ਕਿ ਕੋਈ ਵੀ ਆੜ੍ਹਤੀ ਜੋ ਛੇ ਮਹੀਨੇ ਤੋਂ ਉਸ ਮੰਡੀ ਵਿਚ ਹਜ਼ਾਰਾਂ ਲੱਖਾਂ ਰੁਪਏ ਲਗਾ ਕੇ ਕੰਮ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ਉਸ ਵੱਲੋਂ ਪੂਰੀਆਂ ਹੀ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਲਗਪਗ( ਪੰਜ ਸੌ )500 ਦੇ ਕਰੀਬ ਜਾਰੀ ਲਾਇਸੈਂਸਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੇਵਲ ਚਾਲੀ ਤੋਂ ਪੰਜਾਹ( 40 ਤੋਂ 50)ਹੀ ਵਿਅਕਤੀ ਮੰਡੀ ਵਿੱਚ ਆੜ੍ਹਤ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਨ ਅੱਜ ਕੱਲ੍ਹ ਮੰਡੀ ਆ ਰਹੇ ਹਨ ਜਿਸ ਤੋਂ ਇਹ ਅੰਦਾਜ਼ਾ ਲਗਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿ ਜੋ ਪੰਜਾਹ ਵਿਅਕਤੀ ਅੱਜ ਮੰਡੀ ਵਿਚ ਆੜ੍ਹਤ ਦਾ ਕੰਮ ਪਿਛਲੇ ਛੇ ਮਹੀਨਿਆਂ ਤੋਂ ਆਪਣੇ ਲਾਇਸੈਂਸ ਪਰ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ ਜੇਕਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਲਾਇਸੰਸ ਰੀਨਿਊ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਤਾਂ ਉਹ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮੰਡੀ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਕਰ ਸਕਣਗੇ ਅਤੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਘਰ ਬੈਠੇ ਲੋਕ ਜੋ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਦੀ ਮਿਲੀਭੁਗਤ ਨਾਲ ਫੀਸਾਂ ਤਾਰ ਰਹੇ ਹਨ ਉਹ ਇਸ ਤਾਂਘ ਵਿੱਚ ਹਨ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਨਵੇਂ ਬਣੇ ਸ਼ੈੱਡ ਥੱਲੇ ਸਰਕਾਰੀ ਜਗ੍ਹਾ ਅਲਾਟ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ਅਤੇ ਉਹ ਆਪਣਾ ਕਬਜ਼ਾ ਸ਼ੈੱਡ ਹੇਠ ਕਰ ਲੈਣਗੇ ਪਰ ਜਨਤਾ ਨਾਲ ਕੀਤੇ ਗਏ ਵਾਅਦੇ ਮੁਤਾਬਕ ਜੋ ਆਡ਼੍ਹਤੀ ਪਿਛਲੇ ਛੇ ਮਹੀਨੇ ਤੋਂ ਇਸ ਮੰਡੀ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ਪੁਰਜ਼ੋਰ ਮਿਹਨਤ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੱਥ ਨਿਰਾਸ਼ਾ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਕੁਝ ਵੀ ਨਹੀਂ ਨਜ਼ਰ ਆ ਰਿਹਾ ਜੇਕਰ ਵਿਭਾਗ ਵੱਲੋਂ ਅਜਿਹੀਆਂ ਸ਼ਰਤਾਂ ਹੀ ਰੱਖੀਆਂ ਜਾਣੀਆਂ ਸਨ ਤਾਂ ਜਦੋਂ ਮੰਡੀ ਹੋਂਦ ਵਿਚ ਆਈ ਅਤੇ ਲਾਇਸੰਸ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਗਏ ਇਹ ਸਾਰੀਆਂ ਸ਼ਰਤਾਂ ਅਤੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਸਬੰਧੀ ਸਾਰੇ ਆਡ਼੍ਹਤੀਆਂ ਨੂੰ ਜਾਣੂ ਕਰਵਾਉਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਸੀ ਤਾਂ ਜੋ ਜੇਕਰ ਕੋਈ ਇਹ ਸ਼ਰਤਾਂ ਪੂਰੀਆਂ ਨਾ ਕਰਦਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਹ ਆਪਣਾ ਕੋਈ ਹੋਰ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰ ਸਕੇ ਅੱਜ ਆੜ੍ਹਤੀ ਇਸ ਪਰੇਸ਼ਾਨੀ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨ ਲਈ ਮਜਬੂਰ ਹਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕੋਈ ਵੀ ਹੱਲ ਨਜ਼ਰ ਨਹੀਂ ਆਉਂਦਾ ਇਸ ਸਬੰਧੀ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਉੱਚ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਅਤੇ ਹੋਰ ਵਿਭਾਗਾਂ ਜਿਵੇਂ ਪੰਜਾਬ ਵਿਜੀਲੈਂਸ ਬਿਊਰੋ ਨੂੰ ਵੀ ਸ਼ਿਕਾਇਤਾਂ ਕੀਤੀਆਂ ਜਿਸ ਦੇ ਸਾਰੇ ਸਬੂਤ ਅਦਾਰਾ ਸਬਸੇ ਤੇਜ਼ ਮੀਡੀਆ ਪਾਸ ਮੌਜੂਦ ਹਨ ਅਤੇ ਹੁਣ ਇਹ ਕੇਸ ਕੁਝ ਆੜ੍ਹਤੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਮਾਣਯੋਗ ਪੰਜਾਬ ਐਂਡ ਹਰਿਆਣਾ ਹਾਈ ਕੋਰਟ ਵਿੱਚ ਲੋਕ ਹਿੱਤ ਲਈ ਜਾਚਿਕਾ ਦਾਇਰ ਕਰ ਕੇ ਸਾਰਾ ਮਾਮਲਾ ਅਦਾਲਤ ਵਿੱਚ ਦਾਖ਼ਲ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਇਸ ਸਬੂਤਾਂ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਗਹਿਰਾਈ ਨਾਲ ਜਾਂਚ ਹੋ ਸਕੇ ਅਤੇ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਕਰਮਚਾਰੀਆਂ ਤੇ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਨੂੰ ਅਦਾਲਤ ਦੇ ਕਟਹਿਰੇ ਵਿੱਚ ਖੜ੍ਹਾ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ ਜ਼ਿਕਰਯੋਗ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅੰਨ ਪਲਾਨਿੰਗ(ਬਿਨਾਂ ਪੂਰੀ ਤਿਆਰੀ ਕੀਤਿਆਂ ) ਪ੍ਰੋਜੈਕਟਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਪੈਸੇ ਦਾ ਤਾਂ ਨੁਕਸਾਨ ਹੋ ਹੀ ਰਿਹਾ ਹੈ ਇਸ ਨਾਲ ਸਰਕਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਵੀ ਆਮ ਜਨਤਾ ਵਿਚ ਨੈਗੇਟਿਵ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ਲੋੜ ਹੈ ਕਿ ਸਮਾਂ ਰਹਿੰਦਿਆਂ ਵਿਭਾਗ ਵੱਲੋਂ ਇਸ ਸਬੰਧੀ ਧਿਆਨ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਜੋ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਪੈਸੇ ਦੇ ਨਾਲ ਨਾਲ ਇਸ ਬਣੀ ਨਵੀਂ ਸਬਜ਼ੀ ਮੰਡੀ ਨੂੰ ਵੀ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕੇ ? (ਚਲਦਾ) ਅਗਲੀ ਕਿਸ਼ਤ {STM}ਜਲਦ ਪੇਸ਼ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਗੀ
सिविल सरजन दफ्तर के 100 मीटर पर ही विक रहा है नशा प्रशासन बेखबर
बरनाला:- सबसे तेज मीडिया- 7 मार्च( विपन गुप्ता ) पांचो दरियायों की धरती कहलाने वाला पंजाब अब पंजाब में नसे के दरिया बग्ने शुरू हो गई है। जिस के चलते पंजाब की जवानी नसे के दलदल में फस गई है और घरों के घर बरबाद हो गए है। अपने लालच के चलते इस कारोबार में कई मंत्री और बड़े अधिकारी शामिल थे। इसके बारे में बादल सरकार में एक अकाली मंत्री और एम्म एल ऐ के बारे में नशे के सुदागर कह विधान सभा में बहुत ज्यादा रोला वी पड़ा था। और पंजाब के लोगो ने नशे तस्करों से अकाली दाल पर इलज़ाम लगने के बाद कांग्रेस सरकार का साथ दे कांग्रेस को वोट दे कांग्रेस की सरकार बनवाई थी जिस पर कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने हाथ में गुटका पकड़ कर नशा ख़तम करने की कसम वी खाई थी। इसके बाद नशे पर कुश ब्रेक तो लगे पर नशा पूरी तरह बंध नहीं हुआ और नशा सरकारी तौर पर बिकने लग गया जिस से नशे के दाम वी बढ़ गए। एक बार एक ईमानदार पुलिस अफसर ने यहां तक कह दिया के नशा बकवाने में हमारे बीच ही कुश कालिया भेड़ा नशा तस्करों का साथ दे रही है अगर में यहां 2 महीने वी इस इस पी रह गया तो में सभी नशा तस्करों के साथ -साथ हमारे बीच ही बैठी कालिया भेड़ों को पकड़ कर जेल की सलाखों के पीछे कर दूगां। और वो अफसर बिना राजनीतिक दबा पहले जगराओं और अब बरनाला में अपने किये बादे अनुसार नशा तस्करों को नानी याद करवा रहा है। पर सिविल प्रशसन इस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा।
आप को बता दे के पंजाब सरकार ने नशे को ख़त्म करने के लिए पंजाब के जितने वी लोग नशे की गिरफत में थे सभी को नशा छुड़ाने के लिए पहले तो सरकार द्वारा बने नशे केंद्र में भर्ती करवा नशा छुड़ाने की कोशिस की और जो लोग नसे केंद्र में दाखिल थे उसको जरूरत अनुसार नसे की गोलिया देने लगे। ता के धीरे -धीरे उसको नशे से मुक्त किया जा सके। पर कुश पहुंच वाले लोगो ने इस का नेज्याज फ़ायदा उठाते हुए इस का लइसेंस प्राइवेट तौर पर ले लिया। कुश ने तो डाक्टर रख काम शुरू कर लोगो को धड़ा धड़ नसे की गोलिया देनी शुरू कर दी। सूत्रों से पता चला है उसी लाइसेंस का समय होता है और उसको आगे ने बड़ाइया जाये तो क्लिनिक कानून की नज़रो में बंद होता है। सूत्रों से पता चला है के जिला बरनाला में वैसे तो कई ऐसे सेंटर पर यहां अग्रवाल चौंक में एक एकता ड्रग सेंटर पहले एक प्राइवेट बंदे ने लिया था बाद में यह ड्रग सेंटर किसी एम्म आर को आगे बेच दिया इस एम्म आर के पुरे पंजाब में करीब 16 ड्रग सेंटर है । वो डाक्टर को बाहर से क्लीनिक पर बिठा धड़ल्ले से नसे का काम करने लगा और अपने लालच के चलते नशा खाने में मज़बूर लोगो को कानून से बाहर जा कर उनको नसे की दवा बेचने लगा जो लोग थोड़ा बहुत नशा करते थे वो अब नसे की गोलियां ज्यादा मात्रा में लेने लगे।
क्या कहते है समाजसेवी :-एक समाजसेवी ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर इस बारे बात करते हुए कहा के इस क्लीनिक की आगिया का समय 5 जनवरी को पूरा हो गया था यह क्लीनिक सिविल सर्जन दफ्तर से मात्र 100 मीटर दूरी पर ही है। 2011 निजम के अनुसार 10 (10 )के तहत आगे की परमिशन लेनी जरूरी है। जब कि किसी वी क्लीनिक को आगे परमिशन लेने के लिए समय पूरा होने से 3 महीने पहले अप्लाई करना जरूरी है ता के रहते समय में यह काम पूरा हो सके। अगर आगे की परमिशन रहते समय में नहीं मिलती तो उस सेंटर को बंध करना पड़ता है। पर इस सेंटर में अप्लाई किये कागज़ो में चंडीगढ़ दफ्तर से आब्जेक्शन लगा दिए थे इस लिए इसको 5 जनवरी तक अगली परमिशन नहीं मिली तो चंडीगढ़ दफ्तर ने इस सेंटर को बंद करने के लिए सिविल सर्जन बरनाला और डिप्टी कमिश्नर बरनाला को लिखती चिट्ठी वी भेजी हुई है और सात दिनों के अंदर -अंदर बंद करने के हुकम दिए थे पर पता नहीं उन्होने इस सेंटर पर कारवाई क्यों नहीं की वो धड़ल्ले से नसे के दवा बेच रहा है और अधिकारियो को इस बारे कुश नहीं पता चलता। यह दाल में कला नहीं यह तो पूरी दाल ही काली है। और उन्होने कहा के केवल सिंह ढिल्लों और मंत्री जी जब दुसरे सभी काम इतने बढ़िया ढंग से कर रहे है तो वो अपने ज़िले में हो रहे इस नसे के ठेकेदारों के काले धंदे को बंद करवाने के लिए विशेष ध्यान दें ता के कोई वी अपने लालच के चलते पंजाब की जवानी को बरबाद ना कर सके। और यह काम सिर्फ डाक्टर को ही देना चाइये न के के किसी प्राइवेट ठेकेदार को।
क्या कहते है ड्रग सेंटर के ठेकेदार :- जब इस सारे मामले बारे एकता ड्रग सेंटर के मालिक रोहित टिकआर से बात की पहले तो यह गोल मोल जवाब दे रहा था बाद में जब हमने डिटेल से पूछा के आप के क्लीनिक का लाइसेंस तो 5 जनवरी को ख़तम हो गया था आप काम कैसे कर रहे है यह दो नसे की दवा का मामला है चंडीगढ़ से आप का क्लीनिक बंद करने के हुक्म है तो उसने कहा के जब हमे लोकल अधिकारी कह देंगे हम बंद कर देंगे। जब हमने पूछा के आप अपने लालच के चलते सरकार के कानून की धज़्ज़िया ओढ़ा पंजाब की जवानी के साथ खिलवाड़ नहीं कर रहे जब के आप तो डाक्टर वी नहीं सिर्फ बी फार्मेसी ही है तो वो कुश जवाब देने की बजाय फ़ोन ही काट दिया।
क्या कहते है सिविल सर्जन ;- जब इस सरे मामले के बारे में बरनाला के सिविल सर्जन गुरिंदरबीर सिंह से बात की तो उन्होने कहा के मेरे ध्यान में यह मामला आ गया है हम डिप्टी कमिश्नर से बात कर आज ही एकता ड्रग सेंटर पर बनती कारवाई करेंगे।
क्या कहता है ऐ डी सी :- जब इस सरे मामले के बारे में ऐ डी सी मैडम रूही दुग्ग से बात की तो उन्होने कहा के यह सारा मामला मेरे ध्यान में है में आज ही सिविल सर्जन को कह इस क्लीनिक को बंद करने के आर्डर देते है।
क्या कहते है इस इस पी :- इस इस पी बरनाला संदीप गोयल से जब इस क्लीनिक के बारे में बात की तो उन्होने कहा के यह सेहत विवाग का मामला है पर अब सिविल सर्जन की बात डिप्टी कमिश्नर से बात हो गई है जल्दी ही बरती कारवाई की जायगी
क्या कहते है मंत्री :- जब बरनाला में चल रहा ड्रग सेंटर जिस के पास 5 जनवरी तक की परमिशन थी पर बाद में वी वो धड़ल्ले से चल रहा है जो के इसके बंद करने के हुक्म है के बारे में मंत्री जी ने कहा के वैसे तो में आज बिज़ी हु पर फेर वी कोई गलत काम नहीं होने दिया जायेगा बेसक कोई वी हो।
सूत्रों से पता चला है के इस रोहित टकिआर के पुरे पंजाब में कई सेंटर तरनतारन ,अमृतसर में दो ,लुधियाना , जगराओं ,कपूरथला, खन्ना ,जालंधर ,फतहगढ़ साहिब , पटियाला ,नवासेहर ,होशीआरपुर ,अबोहर ,श्री मुक्तसर साहिब ,बरनाला ,मानसा में है। इसमें बरनाला ही नहीं श्री अमृतसर साहिब के सेंटर का वी लाइसेंस ख़तम हो चूका है। अब देखना यह है के पंजाब सरकार और प्रशासन पंजाब की जवानी को बचाने के लिए अपनी ज़मीर को जगा इस पर बनती कारवाई करती है जा यह बड़े बाप की औलाद की तरह इस कारवाई को वी फाइलो में ही बंद करवा देंगे यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा