एफ.आई.आर जैसे सख्त विकल्प होने के बावजूद पुड्डा विभाग की ओर से खेला जा रहा है नोटिस नोटिस का खेल बार-बार नोटिस जारी किया जाता है और कोलोनी को तोड़ा जाता है लेकिन बेखौफ कॉलोनाइजर पुड्डा अपरूड के बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर लोगों से कर रहे हैं धोखाधड़ी में भी काटी गई कॉलोनीए क्यों नहीं करते कॉलोनी मालिक विभाग की प्रवाह ?
सबसे तेज मीडिया (जितेंद्र कुमार शर्मा )28 जून जालंधर डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से कई विभाग जैसे पंजाब सरकार का विजिलेंस ब्यूरो द्वारा इंक्वायरी होने के बावजूद भी अवैध रूप में बन रही इमारतों का निर्माण किया जा रहा हैं जिस के चलते सरकार को डबल नुकसान हो रहा है सी.एल.यु और नक्शा और जो इमारतें बनती है उसमें सरकार को रेवेन्यू फीस पूरी नहीं मिलती और अवैध तरीके से कॉलोनी काट कर और अपनी जमीन बेचकर कॉलोनाइजर चले जाते हैं और आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ताजा मिसाल जालंधर डिपार्मेंट अथॉरिटी के अधीन आते जिला जालंधर तहसील नकोदर में गांव बोपाराय गांव रसूलपुर और गांव चक बैंडल और आधा दर्जन के करीब मैं काटी जा रही अवैध कॉलोनियों और जिसकी शिकायत विभाग को कई बार मिल चुकी है और विभाग के अधिकारियों का कहना है
कि इनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के लिए एस.एस.पी होशियारपुर को लेटर लिखा जा चुका है नकोदर के पास गांव रसूलपुर में अरे रेहान अभीन्यू के नाम की कॉलोनी के बाहर दफ्तर बनाकर सरेआम प्लाट फॉर सेल कर रहे हैं जब के विभाग की ओर से बार-बार कॉलोनी को तोड़ा गया है और कॉलोनी के बाहर नोटिस बोर्ड भी लगाए गए थे नोटिस बोर्ड को उखाड़ कर खुर्द (खत्म) करने और विभाग की ओर से नोटिस जारी किए जाने के बाद भी अगर कोई कॉलोनाइजर उसकी उल्लंघना करता है तो उसके खिलाफ पापरा एक्ट और अन्य धाराओं के तहत थाने में क्रिमिनल केस दर्ज होता है
लेकिन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से केवल और केवल नोटिस लगाने अवैध निर्माण को तोड़ने और कागजी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ केवल और केवल नोटिस नोटिस का ही खेल खेला जाता है और केस को उलझाने के इलावा कोई कार्रवाई नहीं होती जिसके चलते आम गरीब जनता अनजाने में अपनी जिंदगी भर की मेहनत की कमाई अवैध कॉलोनियों में लगाकर परेशानियों में गिर जाती है विभाग के अधिकारी मोटी तनख्वाह सरकार से लेते हैं और काम अवैध निर्माण और कॉलोनी मालको के लिए करते हैं अगर सरकार की पॉलिसी मुताबिक हर एक अधिकारी अपना काम इमानदारी से करें तो कोई भी अवैध कॉलोनी का निर्माण नहीं हो सकता और ना ही किसी भी कॉलोनाइजर की इतनी हिम्मत हो सकती है कि दोबारा अवैध कलोनी के निर्माण का काम शुरू कर सकें यह सब विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से आसान होता है सरकार के रेगुलेशन पॉलिसी के तहत विभाग के पॉलसी मुताबिक हर हफ्ते जे.ई अपने फील्ड की रिपोर्ट एस.डी.ओ साहब को सौंपेगा और एस.डी.ओ अपनी वीकली रिपोर्ट स्टेट ऑफिसर को देंगे और जिस एरिया में भी अवैध कालोनियां बनाई जा रही है या जिस जगह कमर्शियल निर्माण हो रहा है अधिकारियों को उसे रोकना और सरकार के नियमों की पालना करवाना जिम्मेवारी फिक्स की गई है लेकिन पिछले कई सालों से अवैध कॉलोनियों और अवैध निर्माण का गोरखधंधा जोरों से चल रहा है कई बार बड़ी-बड़ी इंक्वायरियां भी हो चुकी है और कार्रवाई के नाम पर जे.सी.बी मशीनें भी चल चुकी है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई ना होने की वजह से अवैध कॉलोनियों और अवैध निर्माण का कारोबार जोरों से चल रहा है जिस के संबंध में सबसे तेज मीडिया की टीम की ओर से आवाज उठाई गई थी जिस पर कारवाई करते हुए जालंधर डिवालपमेंट अथॉरिटी पुड्डा कई बार अवैध कॉलोनी में और अवैध निर्माण को नोटिस जारी किए गए और कई बार उसको डिमोलिश कर दिया गया लेकिन यह काम कभी रुका नहीं जो कि एक बड़ा सवाल है? अब देखना यह होगा की आगे क्या कार्रवाई होती है? मीडिया ग्रुप सबसे तेज मीडिया की विशेष रिपोर्ट चलता (भाग 12)
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