*हजारों गाड़ियां टोल टैक्स से निकल रही मान लो उन्हीं में से किसी गाड़ी वाले को कोरोना वायरस हो* …..

*हजारों गाड़ियां टोल टैक्स से निकल रही मान लो उन्हीं में से किसी गाड़ी वाले को कोरोना वायरस हो* …..

तो फिर पूरा टोल और फिर उस टोल से निकलने वाली गाड़ीयों को पर्ची के साथ वायरस फ़्री मिलेगा …
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*तो सरकार हवाई यात्रा , मॉल , स्कूलों को तो बंद करवा ही रही है लेकिन साथ साथ सरकार को कुछ दिन के लिये टोल भी बंद करवा देने चाहिए …यहां से भी वायरस फैलने के ज्यादा चांस बन रहे हैं* .
दिपेन्द्रा सिंह मलका
ऐंम.कोंम. एल एल .बी.
(एडवोकेट )
पंजाब & हरियाणा हाईकोर्ट , चंडीगढ़ ,

निवास एंव कार्यालय :

# 483, सेक्टर – 127,
शिवालिक सिटी,
खरङ-लांडरां हाइवे,
ग्रेटर मोहाली ( पंजाब )
Pin : 140307
(M) : 9417360145

सिविल सरजन दफ्तर के  100 मीटर पर ही विक रहा है नशा  प्रशासन बेखबर 

बरनाला:- सबसे तेज मीडिया- 7 मार्च( विपन गुप्ता )  पांचो दरियायों की धरती कहलाने वाला पंजाब अब पंजाब  में नसे के दरिया बग्ने शुरू हो गई है।  जिस के चलते पंजाब की जवानी नसे के दलदल में फस गई है और घरों के घर बरबाद हो गए है। अपने लालच के चलते इस कारोबार में कई  मंत्री और बड़े अधिकारी शामिल थे। इसके बारे में बादल  सरकार में एक अकाली मंत्री  और एम्म एल ऐ के बारे में नशे के सुदागर कह विधान सभा में बहुत ज्यादा रोला वी पड़ा था। और पंजाब के लोगो ने नशे तस्करों से अकाली दाल पर इलज़ाम लगने के बाद कांग्रेस सरकार का साथ दे कांग्रेस को वोट दे कांग्रेस की सरकार बनवाई थी  जिस पर कैप्टेन  अमरिंदर सिंह ने हाथ  में गुटका पकड़ कर नशा  ख़तम करने की कसम वी खाई थी। इसके बाद नशे पर कुश ब्रेक तो  लगे पर  नशा पूरी तरह बंध नहीं हुआ और नशा सरकारी तौर पर बिकने लग गया  जिस से नशे के दाम वी बढ़ गए। एक बार एक ईमानदार पुलिस अफसर ने यहां तक कह दिया के नशा बकवाने में हमारे बीच ही कुश कालिया भेड़ा  नशा तस्करों का साथ दे रही है अगर में यहां 2 महीने वी इस इस पी रह गया तो  में सभी नशा तस्करों के साथ -साथ हमारे बीच ही बैठी कालिया भेड़ों को पकड़ कर  जेल की सलाखों के पीछे कर  दूगां। और वो  अफसर बिना राजनीतिक दबा  पहले जगराओं और अब बरनाला में अपने किये बादे अनुसार नशा तस्करों को नानी याद करवा रहा है।  पर सिविल प्रशसन इस तरफ ज्यादा ध्यान  नहीं दे रहा।

आप को बता दे के पंजाब सरकार ने नशे को ख़त्म करने के लिए पंजाब के जितने वी लोग नशे की गिरफत में थे सभी को नशा छुड़ाने के लिए पहले तो सरकार द्वारा बने नशे केंद्र में भर्ती करवा नशा छुड़ाने की कोशिस की और जो लोग नसे केंद्र में दाखिल थे उसको जरूरत अनुसार नसे की गोलिया देने लगे। ता के धीरे -धीरे उसको नशे से मुक्त किया जा सके।  पर कुश पहुंच वाले लोगो ने इस का नेज्याज फ़ायदा उठाते हुए इस का लइसेंस प्राइवेट तौर पर ले लिया।   कुश ने तो डाक्टर रख काम शुरू कर लोगो को धड़ा धड़ नसे की गोलिया देनी शुरू कर दी। सूत्रों से  पता चला  है उसी  लाइसेंस का समय होता है और उसको आगे ने बड़ाइया जाये तो क्लिनिक कानून की नज़रो में बंद होता है। सूत्रों से पता चला है के जिला बरनाला में  वैसे तो कई ऐसे सेंटर पर यहां अग्रवाल चौंक में एक एकता ड्रग सेंटर पहले एक प्राइवेट बंदे ने लिया था बाद में यह ड्रग सेंटर किसी एम्म आर  को आगे बेच दिया इस एम्म आर के पुरे पंजाब में करीब 16 ड्रग सेंटर है । वो डाक्टर को बाहर से क्लीनिक पर बिठा  धड़ल्ले से नसे का काम करने लगा और अपने लालच के चलते नशा खाने में मज़बूर लोगो को कानून से बाहर जा कर उनको नसे की दवा बेचने लगा जो लोग थोड़ा बहुत नशा  करते थे वो अब नसे की गोलियां ज्यादा मात्रा में लेने लगे।

क्या कहते है समाजसेवी  :-एक समाजसेवी ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर इस बारे बात करते हुए कहा के इस क्लीनिक की आगिया का समय 5 जनवरी को पूरा हो गया था यह क्लीनिक सिविल सर्जन दफ्तर से  मात्र 100 मीटर दूरी पर ही है। 2011 निजम के अनुसार 10 (10 )के तहत आगे की परमिशन लेनी जरूरी है। जब कि किसी वी क्लीनिक को आगे परमिशन लेने   के लिए समय पूरा होने से 3 महीने पहले  अप्लाई करना जरूरी है ता के रहते समय में यह काम पूरा हो सके। अगर आगे की परमिशन रहते समय में नहीं मिलती तो उस सेंटर को बंध करना पड़ता है। पर इस सेंटर में अप्लाई किये कागज़ो में चंडीगढ़ दफ्तर से आब्जेक्शन लगा दिए थे इस लिए इसको 5 जनवरी तक अगली परमिशन नहीं मिली तो चंडीगढ़ दफ्तर ने इस सेंटर को बंद करने के लिए  सिविल सर्जन बरनाला और डिप्टी कमिश्नर बरनाला को लिखती  चिट्ठी वी भेजी हुई है  और सात दिनों के अंदर -अंदर बंद करने के हुकम दिए थे पर पता नहीं उन्होने इस सेंटर पर  कारवाई क्यों नहीं की वो धड़ल्ले से नसे के दवा बेच रहा है और अधिकारियो को इस बारे कुश नहीं पता चलता। यह  दाल में कला नहीं यह तो पूरी दाल ही काली है। और उन्होने कहा के केवल सिंह ढिल्लों और  मंत्री जी जब दुसरे सभी काम इतने बढ़िया ढंग से कर रहे है तो वो अपने ज़िले में हो रहे इस नसे के ठेकेदारों के  काले  धंदे को बंद करवाने के लिए विशेष ध्यान दें ता के कोई वी अपने लालच के चलते पंजाब की जवानी को बरबाद ना कर सके। और यह काम सिर्फ डाक्टर को ही देना चाइये न के के किसी प्राइवेट ठेकेदार को।

क्या कहते है ड्रग सेंटर के ठेकेदार :- जब इस सारे मामले बारे एकता ड्रग सेंटर के मालिक रोहित टिकआर से बात की पहले तो यह गोल मोल जवाब दे रहा था  बाद में जब हमने डिटेल से पूछा के आप के  क्लीनिक का लाइसेंस तो 5 जनवरी को ख़तम हो गया था आप काम कैसे कर रहे है यह दो नसे की दवा का मामला है चंडीगढ़ से आप का क्लीनिक बंद करने के हुक्म है तो उसने कहा के जब हमे लोकल अधिकारी कह देंगे हम बंद कर देंगे।  जब हमने पूछा के आप अपने लालच के चलते  सरकार के कानून की धज़्ज़िया ओढ़ा पंजाब की जवानी के साथ खिलवाड़ नहीं कर रहे जब के आप तो डाक्टर वी नहीं सिर्फ बी फार्मेसी ही है  तो वो कुश जवाब देने की बजाय  फ़ोन  ही काट दिया।

क्या कहते है सिविल सर्जन ;-  जब इस सरे मामले के बारे में बरनाला के सिविल सर्जन गुरिंदरबीर सिंह से बात की तो उन्होने कहा के मेरे ध्यान में यह मामला आ गया है हम डिप्टी कमिश्नर से बात कर आज ही एकता ड्रग सेंटर पर बनती कारवाई करेंगे।

क्या कहता है ऐ डी सी :- जब इस सरे मामले के बारे में ऐ डी सी मैडम रूही दुग्ग से बात की तो उन्होने कहा के यह सारा मामला मेरे ध्यान में है में आज ही सिविल सर्जन को कह इस क्लीनिक को बंद करने के आर्डर देते है।

क्या कहते है इस इस पी  :- इस इस पी बरनाला संदीप गोयल से जब इस क्लीनिक के बारे में बात की तो उन्होने कहा के यह सेहत विवाग का मामला है पर अब सिविल सर्जन की बात डिप्टी कमिश्नर से बात हो गई है जल्दी ही बरती कारवाई की जायगी

क्या कहते है मंत्री :-  जब बरनाला में चल रहा ड्रग सेंटर जिस के पास  5 जनवरी  तक की परमिशन थी पर बाद में वी वो धड़ल्ले से चल रहा है जो के इसके बंद करने के हुक्म है के बारे में मंत्री जी ने कहा के वैसे तो में आज बिज़ी हु पर फेर वी कोई गलत काम नहीं होने दिया जायेगा  बेसक कोई वी हो।

सूत्रों से पता चला है के  इस रोहित टकिआर के पुरे पंजाब में कई  सेंटर तरनतारन ,अमृतसर में दो  ,लुधियाना , जगराओं ,कपूरथला, खन्ना ,जालंधर ,फतहगढ़  साहिब , पटियाला ,नवासेहर ,होशीआरपुर ,अबोहर ,श्री मुक्तसर साहिब ,बरनाला ,मानसा  में है। इसमें बरनाला ही नहीं श्री अमृतसर साहिब के सेंटर का वी लाइसेंस ख़तम हो चूका है।  अब देखना यह है के पंजाब सरकार और प्रशासन पंजाब की जवानी को बचाने के लिए अपनी ज़मीर को जगा इस पर बनती कारवाई करती है जा यह बड़े बाप की औलाद की तरह इस कारवाई को वी फाइलो में ही बंद करवा देंगे यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा

हमेशा विवादों में रहने वाले दोआबा अस्पलात में हंगामा, डाक्टर पर लगा बच्चे की मौत का आरोप

सबसे तेज मीडिया(जितेंद्र शर्मा) जालंधल में स्थित दोआबा अस्पताल फिर विवादों में आ गया है। जानकारी अनुसार 13 वर्षीय बच्चे की गलत इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई।जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया है। मृतक बच्चे के पिता कृष्णा ने आरोप लगाते हुए बताया कि उनका 13 वर्षीय बेटा अर्जुन को उल्टियां के कारण रविवार को दोआबा अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।उनका बेटा पहले से ही काफी ठीक हो गया था लेकिन कल रात को फिर से उल्टियां करने लगा और डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन लगा दिया।इंजेक्शन लगाने के बाद बच्चे की हालत और बिगड़ गई और कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई।मृतक के पिता कृष्णा ने यह भी आरोप लगाया कि मौत के बाद जब परिजन इकट्ठे होकर डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टर ने करोना वायरस होने की भी बात कही और कहा कि कोरोना वायरस के कारण मौत हुई है। जब इस संबंध में असप्ताल के डाक्टर आशुतोष गुप्ता से पूछा तो उन्होंने कहा कि बच्चे की मृत्यु शरीर में वायरल के कारण हुई है न की करोना वायरस से। उनके ऊपर लगे आरोप निराधार है।

जालंधर में एक्साइज विभाग की मिलीभगत और लापरवाही से हो रहा है शराब का नजायज कारोबार

जालंधर में एक्साइज विभाग की मिलीभगत और लापरवाही से हो रहा है शराब का नजायज कारोबार सबसे तेज मीडिया : जालंधर 04/03/2020 जितेंद्र शर्मा :: वैसे तो जलंधर का एक्साइज डिपार्टमेंट रोजाना सुर्खियों में रहता है लेकिन जालंधर में किसी भी अधिकारी कर्मचारी को कभी भी फोन कर लो या फिर कोई मैसेज व्हाट्सएप जा टेक्स्ट मैसेज कर ले कोई इंफॉर्मेशन देने चाहे तो जनाब डिपार्टमेंट का कोई भी अधिकारी उसको सुनने का जा देखकर उसका जवाब देना जा उस पर कार्रवाई करना तो दूर की बात उस व्यक्ति का नंबर ही ब्लैक लिस्ट लगा देते हैं क्योंकि उनकी सिद्धि सिद्धि सेटिंग शराब तस्करों और ठेकेदारों के साथ है जो के सरकार का नुकसान पहुंचाने की कोई भी कसर नहीं छोड़ते जिसके नतीजे आपको रोजाना देखने को मिलते हैं कभी हजार पेटी और कभी 500 और कभी 700 और कभी1800 कितनी कितनी भारी मात्रा में पकड़ी जाती है नजाएज शराब जो सीआई ए स्टाफ या फिर पुलिस विभाग पकड़ता है जोकि एक्साइज की ड्यूटी बनती है क्योंकि सीआई ए स्टाफ और पुलिस विभाग के पास पहले ही बहुत सारे काम का बोझ है पर एक्साइज डिपार्टमेंट के पास तो केवल और केवल शराब की बिक्री नाजायज शराब को पकड़ने का ही एकमात्र काम है और पंजाब सरकार की ओर से उनको इसके लिए मोटी तनख्वाह भी मिलती है इसी की एक ताजा उदाहरण जालंधर के एक गोडाउन से पकड़ी गई 1800 पेटी शराब की से मिलती है जालंधर। में एक गौदाम में छापेमारी करते हुए वहां पर रखी अवैध शराब की 1800 पेटियां बरामद करने में सफलता हासिल की है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार के गोदाम में बड़ी मात्रा में अवैध शराब छुपा रखी थी और इस गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी करते हुए पुलिस पार्टी ने गोदाम से 1800 पेटी अवैध शराब की बरामद कर ली सूतर बताते है कि यह शराब शराब कारोबारी की ही बताई जा रही है। इस मामले की जांच कर रही है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि अक्षय विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अक्षर विभाग के एक्साइज पॉलिसी की जालंधर के सभी ठेकों पर सरेआम उलंग ना हो रही है और इस बंदी शिकायतें भी मिलती है लेकिन विभाग के अधिकारियों की ठेकेदारों के साथ मिलीभगत होने के कारण किसी भी एक्साइज पॉलिसी की हो रही और लंगड़ा के खिलाफ विवाह की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती इसकी ताजा मिसाल बस्ती बावा खेल राजा गार्डन के सामने खुले ठेके से मिलती है जिसमें सरेआम खुली शराब की बिक्री की जाती है बिल मांगने पर लड़ाई की जाती है कोई टाइम टेबल भी नहीं है और बड़े-बड़े से फ्लेक्स बोर्ड लगाकर शराब के ब्रांडओं की प्रमोशन की जाती है जो एक्साइज पॉलिसी 19/20 के उल्लंघन है और मनमर्जी के ब्रांड बेचे जाते हैं इस संबंधी शिकायतें करने के बावजूद भी उल्लंघना लगातार जारी है और उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाने के बाद भी उलंघना को रोका नहीं जा रहा जिस की विजिलेंस जांच करवाने की मांग की जा रही है अगर इसकी गंभीरता से जांच होती है तो बहुत सारी उल्लंघना सामने आ सकती है ऐसे ही जालंधर जिले के अंदर एक्साइज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से बहुत सारे शराब के ठेके एक्साइज पॉलिसी की सरेआम उल्लंघना कर रहे है अब देखना यह होगा कि विभाग द्वारा एक्साइज पॉलिसी की पालना करवाने के लिए क्या कारर्वाई की जाती है जा ऐसे ही एक्साइज पॉलिसी की उल्लंघना होती रहेगी और पंजाब सरकार का प्रभाव आम जनता में नेगेटिव जाता रहेगा

जालंधऱ के बीएन अवोरसीज का कारनामा, गलत जानकारी देकर अप्लाई किया मां और नाबालिग बच्चों की वीजा, एंबेसी ने वीजा रिजैक्ट कर लगाया पांच साल का बैन, विजिटर वीजा के पांच लाख वसूल कर की ठगीी, केस दर्ज

सबसे तेज मीडिया( जितेंद्र शर्मा) : जालंधर के प्रमुख ट्रैवल एजेंट होने का दावा करने वाले बीएन ओवरसीज की एक हरकत एक परिवार पर भारी पड़ गई. पांच लाख रुपए तो डूबे ही साथ ही एक मां और उसके दो बच्चों पर बैन लग गया। आरोप है कि बीएन औवरसीज के मालिक ने साथियों मिल कर ठगी का यह सारा जाल बिछाया था। महिला की शिकायत पर बीएन औवरसीज के मालिक भूंबला समेत कई लोगों पर केस दर्ज कर लिया गया है। मोहाली की महिला का आरोप है कि वह स्पांसर लैटर पर कैनेडा के लिए अपना और दो बच्चों का वीजा अप्लाई करने बीएन ओवरसीज गई थी। यहां उसे कहा गया कि उनकी एंबेसी में सैटिंग है। इसके बदले पांच लाख लेकर चंडीगढ़ एलांटा माल में वीएफएस के दफ्तर से वीजा अप्लाई करवा दिया गया और बदले में पांच लाख रुपए वसूले गए। मगर बाद में उनके पासपोर्ट वापिस कर दिये गए और कुछ नहीं बताया गया कि आखिर हुआ क्या है? 

उन्होंने पड़ताल की तो पता चला कि उनके गलत दस्तावेज लगा कर वीजा अप्लाई कर दिया गया और एंबेसी ने न सिर्फ वीजा रिजैक्ट किया है बल्कि पांच साल का बैन भी लगा दिया है। इसके बाद जालंधर के पुलिस कमिश्नर से शिकायत की गई तो शिकायत के बाद जांच कर केस दर्ज किया गया है। इस संबंध में बीएन ओवरसीज के मालिक कमल कुमार भूंबला, अर्चना भूंबला, प्रीति जौली, अंकुर धवन, प्रीति गुलाटी और राजिंदर सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में कमल कुमार भूंबला से संपर्क किया गया मगर उनकी तरफ से कोई पक्ष नहीं दिया गया है। यह ठगी का खेल कैसे खेला गया इसकी जानकारी अगली किश्त में दी जायेगी।