बरनाला:- सबसे तेज मीडिया- 7 मार्च( विपन गुप्ता ) पांचो दरियायों की धरती कहलाने वाला पंजाब अब पंजाब में नसे के दरिया बग्ने शुरू हो गई है। जिस के चलते पंजाब की जवानी नसे के दलदल में फस गई है और घरों के घर बरबाद हो गए है। अपने लालच के चलते इस कारोबार में कई मंत्री और बड़े अधिकारी शामिल थे। इसके बारे में बादल सरकार में एक अकाली मंत्री और एम्म एल ऐ के बारे में नशे के सुदागर कह विधान सभा में बहुत ज्यादा रोला वी पड़ा था। और पंजाब के लोगो ने नशे तस्करों से अकाली दाल पर इलज़ाम लगने के बाद कांग्रेस सरकार का साथ दे कांग्रेस को वोट दे कांग्रेस की सरकार बनवाई थी जिस पर कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने हाथ में गुटका पकड़ कर नशा ख़तम करने की कसम वी खाई थी। इसके बाद नशे पर कुश ब्रेक तो लगे पर नशा पूरी तरह बंध नहीं हुआ और नशा सरकारी तौर पर बिकने लग गया जिस से नशे के दाम वी बढ़ गए। एक बार एक ईमानदार पुलिस अफसर ने यहां तक कह दिया के नशा बकवाने में हमारे बीच ही कुश कालिया भेड़ा नशा तस्करों का साथ दे रही है अगर में यहां 2 महीने वी इस इस पी रह गया तो में सभी नशा तस्करों के साथ -साथ हमारे बीच ही बैठी कालिया भेड़ों को पकड़ कर जेल की सलाखों के पीछे कर दूगां। और वो अफसर बिना राजनीतिक दबा पहले जगराओं और अब बरनाला में अपने किये बादे अनुसार नशा तस्करों को नानी याद करवा रहा है। पर सिविल प्रशसन इस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा।
आप को बता दे के पंजाब सरकार ने नशे को ख़त्म करने के लिए पंजाब के जितने वी लोग नशे की गिरफत में थे सभी को नशा छुड़ाने के लिए पहले तो सरकार द्वारा बने नशे केंद्र में भर्ती करवा नशा छुड़ाने की कोशिस की और जो लोग नसे केंद्र में दाखिल थे उसको जरूरत अनुसार नसे की गोलिया देने लगे। ता के धीरे -धीरे उसको नशे से मुक्त किया जा सके। पर कुश पहुंच वाले लोगो ने इस का नेज्याज फ़ायदा उठाते हुए इस का लइसेंस प्राइवेट तौर पर ले लिया। कुश ने तो डाक्टर रख काम शुरू कर लोगो को धड़ा धड़ नसे की गोलिया देनी शुरू कर दी। सूत्रों से पता चला है उसी लाइसेंस का समय होता है और उसको आगे ने बड़ाइया जाये तो क्लिनिक कानून की नज़रो में बंद होता है। सूत्रों से पता चला है के जिला बरनाला में वैसे तो कई ऐसे सेंटर पर यहां अग्रवाल चौंक में एक एकता ड्रग सेंटर पहले एक प्राइवेट बंदे ने लिया था बाद में यह ड्रग सेंटर किसी एम्म आर को आगे बेच दिया इस एम्म आर के पुरे पंजाब में करीब 16 ड्रग सेंटर है । वो डाक्टर को बाहर से क्लीनिक पर बिठा धड़ल्ले से नसे का काम करने लगा और अपने लालच के चलते नशा खाने में मज़बूर लोगो को कानून से बाहर जा कर उनको नसे की दवा बेचने लगा जो लोग थोड़ा बहुत नशा करते थे वो अब नसे की गोलियां ज्यादा मात्रा में लेने लगे।
क्या कहते है समाजसेवी :-एक समाजसेवी ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर इस बारे बात करते हुए कहा के इस क्लीनिक की आगिया का समय 5 जनवरी को पूरा हो गया था यह क्लीनिक सिविल सर्जन दफ्तर से मात्र 100 मीटर दूरी पर ही है। 2011 निजम के अनुसार 10 (10 )के तहत आगे की परमिशन लेनी जरूरी है। जब कि किसी वी क्लीनिक को आगे परमिशन लेने के लिए समय पूरा होने से 3 महीने पहले अप्लाई करना जरूरी है ता के रहते समय में यह काम पूरा हो सके। अगर आगे की परमिशन रहते समय में नहीं मिलती तो उस सेंटर को बंध करना पड़ता है। पर इस सेंटर में अप्लाई किये कागज़ो में चंडीगढ़ दफ्तर से आब्जेक्शन लगा दिए थे इस लिए इसको 5 जनवरी तक अगली परमिशन नहीं मिली तो चंडीगढ़ दफ्तर ने इस सेंटर को बंद करने के लिए सिविल सर्जन बरनाला और डिप्टी कमिश्नर बरनाला को लिखती चिट्ठी वी भेजी हुई है और सात दिनों के अंदर -अंदर बंद करने के हुकम दिए थे पर पता नहीं उन्होने इस सेंटर पर कारवाई क्यों नहीं की वो धड़ल्ले से नसे के दवा बेच रहा है और अधिकारियो को इस बारे कुश नहीं पता चलता। यह दाल में कला नहीं यह तो पूरी दाल ही काली है। और उन्होने कहा के केवल सिंह ढिल्लों और मंत्री जी जब दुसरे सभी काम इतने बढ़िया ढंग से कर रहे है तो वो अपने ज़िले में हो रहे इस नसे के ठेकेदारों के काले धंदे को बंद करवाने के लिए विशेष ध्यान दें ता के कोई वी अपने लालच के चलते पंजाब की जवानी को बरबाद ना कर सके। और यह काम सिर्फ डाक्टर को ही देना चाइये न के के किसी प्राइवेट ठेकेदार को।
क्या कहते है ड्रग सेंटर के ठेकेदार :- जब इस सारे मामले बारे एकता ड्रग सेंटर के मालिक रोहित टिकआर से बात की पहले तो यह गोल मोल जवाब दे रहा था बाद में जब हमने डिटेल से पूछा के आप के क्लीनिक का लाइसेंस तो 5 जनवरी को ख़तम हो गया था आप काम कैसे कर रहे है यह दो नसे की दवा का मामला है चंडीगढ़ से आप का क्लीनिक बंद करने के हुक्म है तो उसने कहा के जब हमे लोकल अधिकारी कह देंगे हम बंद कर देंगे। जब हमने पूछा के आप अपने लालच के चलते सरकार के कानून की धज़्ज़िया ओढ़ा पंजाब की जवानी के साथ खिलवाड़ नहीं कर रहे जब के आप तो डाक्टर वी नहीं सिर्फ बी फार्मेसी ही है तो वो कुश जवाब देने की बजाय फ़ोन ही काट दिया।
क्या कहते है सिविल सर्जन ;- जब इस सरे मामले के बारे में बरनाला के सिविल सर्जन गुरिंदरबीर सिंह से बात की तो उन्होने कहा के मेरे ध्यान में यह मामला आ गया है हम डिप्टी कमिश्नर से बात कर आज ही एकता ड्रग सेंटर पर बनती कारवाई करेंगे।
क्या कहता है ऐ डी सी :- जब इस सरे मामले के बारे में ऐ डी सी मैडम रूही दुग्ग से बात की तो उन्होने कहा के यह सारा मामला मेरे ध्यान में है में आज ही सिविल सर्जन को कह इस क्लीनिक को बंद करने के आर्डर देते है।
क्या कहते है इस इस पी :- इस इस पी बरनाला संदीप गोयल से जब इस क्लीनिक के बारे में बात की तो उन्होने कहा के यह सेहत विवाग का मामला है पर अब सिविल सर्जन की बात डिप्टी कमिश्नर से बात हो गई है जल्दी ही बरती कारवाई की जायगी
क्या कहते है मंत्री :- जब बरनाला में चल रहा ड्रग सेंटर जिस के पास 5 जनवरी तक की परमिशन थी पर बाद में वी वो धड़ल्ले से चल रहा है जो के इसके बंद करने के हुक्म है के बारे में मंत्री जी ने कहा के वैसे तो में आज बिज़ी हु पर फेर वी कोई गलत काम नहीं होने दिया जायेगा बेसक कोई वी हो।
सूत्रों से पता चला है के इस रोहित टकिआर के पुरे पंजाब में कई सेंटर तरनतारन ,अमृतसर में दो ,लुधियाना , जगराओं ,कपूरथला, खन्ना ,जालंधर ,फतहगढ़ साहिब , पटियाला ,नवासेहर ,होशीआरपुर ,अबोहर ,श्री मुक्तसर साहिब ,बरनाला ,मानसा में है। इसमें बरनाला ही नहीं श्री अमृतसर साहिब के सेंटर का वी लाइसेंस ख़तम हो चूका है। अब देखना यह है के पंजाब सरकार और प्रशासन पंजाब की जवानी को बचाने के लिए अपनी ज़मीर को जगा इस पर बनती कारवाई करती है जा यह बड़े बाप की औलाद की तरह इस कारवाई को वी फाइलो में ही बंद करवा देंगे यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा